तत्व, यौगिक एवम् मिश्रण

 ● तत्व (Element):- वह शुद्ध पदार्थ जो सिर्फ एक ही तरह के परमाणु से मिलकर बना होता है और जिसको किसी ज्ञात भौतिक एवं रासायनिक विधि से न तो दो या दो से अधिक पदार्थों में विभाजित किया जा सकता है। और न ही अन्य सरल पदार्थों के योग से बनाया जा सकता है उसे तत्व कहते है। जैसे - लोहा, आक्सीजन, सोना, चाँदी आदि।


पृथ्वी पर पाये जाने वाले प्रमुख तत्व एवं उनका प्रतिशत


तत्व


भूपटल से प्रतिशत भाग


1. ऑक्सीजन


49.9


2. सिलिकन


26.0


3. एल्युमीनयिम


7.


4. लोहा


4.1


5. कैल्सियम


3.2


6. सोडियम


2.3


7. पोटैशियम


2.3


8. मैग्नीशियम


2.1


9. अन्य


28



यौगिक (Compound):- वह शुद्ध पदार्थ जो दो से अधिक


तत्व के निश्चित अनुपात में परस्पर क्रिया के संयोग से बनते है व जो साधारण विधि से पुनः तत्वों में विभाजित किये जा सकते है। यौगिक के गुण इसके संगठक तत्वों के गुणों से बिल्कुल भिन्न होते है। जैसे- पानी, नमक, एल्कोहल, क्लोरोफार्म आदि। योगिकों में उपस्थिति तत्वों का अनुपात सदैव एक समान रहता है, चाहे वह वैगिक किसी भी स्रोत से क्यों न प्राप्त किया हो जैसे- जल में हाइड्रोजन व आक्सीजन 2:1 के अनुपात में पाये जाते है। यह अनुपात सदैव स्थिर रहता है, चाहे जल किसी भी स्रोत से क्यों न प्राप्त किया गया हो।


● मिश्रण (Mixture):- वह अशुद्ध पदार्थ जो दो या दो से अधिक शुद्ध पदार्थों को किसी भी अनुपात में मिला देने से बनता है मिश्रण कहलाता है। मिश्रण में उपस्थित विभिन्न घटकों के गुण बदलते नहीं है। दूध, बालू, चीनी का जलीय विलयन, मिट्टी आदि मिश्रणों के उदाहरण है। मिश्रण दो प्रकार के होते है-


1. समांग मिश्रण (Homogeneous Mixture):- मिश्रण जिसके सभी भागों में उसके अवयवों का अनुपात एक-सा रहता है, समांग मिश्रण कहलाता है। हवा में गैसों का मिश्रण, पानी में नमक व चीनी का मिश्रण आदि समांग-मिश्रण के उदाहरण हैं।


2. विषमांग मिश्रण (Heterogeneous Mixture):- मिश्रण जिसके सभी भागों में उसके अवयवों का अनुपात एक सा नही रहता है, विषमांग मिश्रण कहलाता है, जैसे- बादल, बारूद आदि।


→ उर्ध्वपातन (Sublimation):- सामान्यतः ठोसों को गर्म करने पर वे पहले द्रव अवस्था में परिवर्तित होते है उसके पश्चात गैस अवस्था में। लेकिन कुछ ठोस पदार्थ ऐसे होते है जिन्हें गर्म किये जाने पर द्रव अवस्था में आने की बजाय सीधे वाष्प में बदल जाते है और वाष्प को ठंडा किये जाने पर पुनः ठोस अवस्था में आ जाते है जैसे- कपूर, आयोडीन आदि।

कोई टिप्पणी नहीं

Blogger द्वारा संचालित.