परिचय (Introduction) रसायन विज्ञान' के अंतर्गत पदार्थ के विभिन्न रूपों अर्थात-तत्व, यौगिक, मिश्रण आदि के निर्माण एवं उनकी अभिक्रियात्मक गतिविधियों का अध्ययन किया जाता है। लेवायसिये (Lavoisier) को रसायन विज्ञान का जनक कहा जाता है

● पदाथों की अवस्थाएं एवं वर्गीकरण (State of matter and Classification):- ऐसी कोई भी वस्तु जो स्थान घेरती है, जिसमें भार होता है तथा जो अपनी संरचना में परिवर्तन का विरोध करती हो, पदार्थ (Matter) कहलाती है। जैसे लकड़ी, लोहा, हवा, पानी, दूध आदि। पदार्थ को न तो उत्पन्न किया जा सकता है और न ही इसे नष्ट किया जा सकता है। इसे सिर्फ विभिन्न अवस्थाओं में परिवर्तित किया जा सकता है।


सामान्यतः पदार्थ को इसके गुणों के आधार पर तीन अवस्थाओं में विभाजित किया जा सकता है- (1) ठोस, (2) द्रव और (3) गैस।


ठोसों का आयतन तो निश्चित होता है, परन्तु आकार अनिश्चित होता है जबकि गैसों का न तो कोई आकार होता है और न ही आयतन निश्चित होता है। गैसों में दो अणुओं के बीच का वल (Intermolecular Force) बहुत ही कम होता है। जबकि ठोस में सबसे ज्यादा।


गैसों का कोई पृष्ठ नहीं होता है, इसका विसरण बहुत अधिक होता है तथा इसे आसानी से संपीड़ित (Compress) किया जा सकता है।


किसी भी पदार्थ के अणु निरन्तर गतिमान रहते हैं तथा उनमें परस्पर आकर्षण बल होता है। ठोस में गति सबसे कम और परस्पर आर्कषण बल सबसे ज्यादा होता है, जबकि गैसों में इसका उल्टा होता है।


ताप एवं दाब में परिवर्तन करके किसी भी पदार्थ की अवस्था को बदला जा सकता है परन्तु इसके अपवाद भी है। जैसे- लकड़ी, पत्थर इत्यादि। ये केवल ठोस अवस्था में ही रहते है।

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